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तुम्हारा झुमका

March 2, 2024


हे प्रिय, ये तुम्हारे झुमके, मेरा मन है मोहते
इनके डोलने से मेरा अंग अंग महके
सुंदरता का परिचय, इनमें  छुपा,
हर दिल को अपनी ओर खींचता ।

तुम्हारा झूमका,दिन में अपनी ओर खिंचे , रातों को जगाए
कभी गलती से नींद आ जाये तो ख्वाबों में ललचाए
तुम्हारे चेहरे को छू इनका रूप ओर निखरता
मुझसे ज्यादा है खुशकिस्मत ,हरदम तुम्हे चूमता

इनकी सुनहरी आभा दे कभी धूप का एहसास
तो कभी दे चांदनी की शीतलता
तुम्हारी रेशमी जुल्फो में से झांके ऐसे
मानो सूरज की किरणे बादल में से झांके

कुछ ऐसे चमकता खूबसूरत झुमका
मानो जैसे चांद के पास हो कोई तारा
नित नए झुमके पहन मुझको हो तड़पाती
दिल में उमंगे , नित नए सपने जगाती

महकती अदाओं का ख़्याल है तुम्हारा झुमका
अनकहे जज्बातो का जबाव है तुम्हारा झुमका
सुनाना चाहता हूं हाले दिल अपना
तुम्हारे मचलते झुमके देख कुछ भी याद ना रहता

करना हूं  तुमसे एक प्रार्थना
क्या तुम छोड़ सकती हो इन्हे पहनना
इन्हे पहन जब निकलती हो घर से बाहर
बहुतों के दिल हो जाते है घायल

गालों को जब छूते है झुमकों के मोती
मेरे कलेजे पर छुरिया है चलती
मेरी हसरत है काश बन जाऊं मैं एक झुमका
हमेशा रह तुम्हारे साथ , छूता रहूं तुम्हे सदा









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