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मुकुट

December 11, 2022

” मां भगवान के सिर पर जैसा मुकुट है वैसा मुझे भी चाहिए” नन्हा ईशान मंदिर में दर्शन करते हुए जिद करने लगा ।
” मां सब भगवान के सिर पर मुकुट है, पर यहां इतने लोग है उनके सिर पर क्यों नही है?
निशा ने बहुत प्यार से ईशान को समझाया,” बेटा मुकुट पहनने के लिए इंसान को जिंदगी में कुछ हासिल करना पड़ता है, कुछ ऐसा काम करना पड़ता है ताकि सारी दुनिया तुम्हे खुद अपने हाथ से तुम्हारे सिर पर मुकुट पहनाए “
” मां, क्यों ना हम बाजार से खरीद ले, और आप अपने हाथो से मुझे पहना देना”।
निशा बेटे की मासूम बात सुन कर हंसने लगी।
” बेटा मैं भी पहना सकती हूं पर तुम्हे उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। कभी झूठ नहीं बोलना, चोरी नही करना, किसी को तकलीफ नही देना, बहुत पढ़ाई करना, क्लास में फर्स्ट आना, स्पोर्ट्स में अपना नाम कमाना, बहुत मेहनत करके जिंदगी में कुछ मुकाम हासिल करना, फिर मैं खुद अपने हाथ से तुम्हारे सिर पर मुकुट पहनाउंगी “।
ईशान ने फिर बालसुलभ मासुमता से पूछा,” इसका मतलब यहां जितने लोग है वो झूठ बोलते है, चोरी करते है, इसीलिए उनके सिर पर मुकुट नहीं है?”
कुछ दिन बाद ईशान tv पर कोई प्रोग्राम देख रहा था और उसमें 12 साल के विजयेता के सिर पर ताज पहनाया गया और गले में मेडल डाला गया
ईशान ने फिर निशा से पूछा,” मां इसने क्या काम किया जो इसको ये सब मिला”।
” बेटा ये लड़का बहुत अच्छा गाता है, बहुत बच्चो को हरा कर वो जीता है। इसीलिए उसको ये सम्मान मिला है।
तबसे ईशान के मन में एक लगन लग गई थी कि वो भी कुछ ऐसा करे ताकि उसके सिर पर भी ताज हो, उसके गले में मेडल हो।
आखिरकार आज 22 साल के बाद वो दिन आ गया था, जब भरी सभा में उसका सम्मान होने वाला था।
आज पुलिस कमिश्नर उसको मेडल देने वाले थे।क्योंकि उसने देश के कुछ आतंकवादियों को encounter करके पकड़ा था। पूरी पुलिस महकमे को उस पर गर्व था। देश के प्रधान मंत्री ने भी उसको बधाई दी थी। और किसी ने उसको बोला था कि शौआद 26 जनवरी पर उसको प्रेसिडेंट भी honour करेंगे।
ईशान को जब स्टेज पर मेडल देने के लिए बुलाया गया तो उसने अपने थैंक यू स्पीच में कहा,” मैं ये मेडल अपनी मां को समर्पित करता हूं। मेरी मां आज नही है पर ऊपर बैठी जरूर देख रही होगी कि उनके बेटे ने सफलता का मुकुट पहना ही लिया है,




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